What To Do After B.SC : बीएससी के बाद क्या करें

What To Do After B.SC : बीएससी के बाद क्या करें

"बीएससी के बाद क्या करें": बीएससी के पश्चात्, आपके पास बहुत सारे विकल्प होते हैं जो आपके करियर में मदद करते हैं।

किसी भी विषय में Graduation की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् आपके पास कई सारे  विकल्प होते हैं।  Graduation के पश्चात् यदि आप चाहे तो नौकरी भी कर सकते हैं या फिर आप चाहे तो आगे की पढ़ाई भी जारी रख सकते हैं। लेकिन आप के पास इन विकल्पों की बिलकुल ठीक जानकारी ना होने  के कारण कई छात्र अपने करियर का सही विकल्प नही चुन पाते हैं.

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What to do after B.SC
अतः आज हम इस लेख में आपको संक्षिप्त में बताएंगे कि BSC के बाद क्या करें,बीएससी के बाद कौन से करियर विकल्प हैं, किन - किन प्राइवेट और सरकारी नौकरीयों  के लिए आप आवेदन कर सकते हैं, किन-किन क्षेत्र में आप अपना करियर बना सकते हैं, इस लेख में हम यहाँ आपको सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कराएँगे।

Table of Contents
MSC (Master of Science)
MCA (Master in Computer Application)
MBA (Master of Business Administration)
B.Tech (Bachelor of Technology)
BEd (Bachelor of Education)
LLB (Bachelor of Law)
PGDM(Post Graduate Diploma in Management)
MIM (Master in Information Management)

MSC (Master of Science)  

MSC एक मास्टर लेवल का पोस्ट-ग्रेजुएशन (PG), 2 वर्षीय कोर्स है, जो स्टूडेंट्स को एक विषय में विशेषज्ञता प्रदान करता है. इंजीनियरिंग, केमिस्ट्री, मेडिसिन, मैथमेटिक्स, फिजिक्स, बायोलॉजी और संबंधित कोर्सेज में बैचलर्स कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र MSc द्वारा अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी करते हैं। MSC करने के पश्चात् आप गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, बॉटनी, जूलॉजी, नर्सिंग, फार्मेसी इत्यादि विषयों में से किसी एक विषय में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।

MSC करने के लिए योग्यता
  • MSC करने के लिएआपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड द्वारा साइंस स्ट्रीम से अच्छे अंकों के साथ ग्रेजुएशन पूर्ण होनी चाहिए ।
  • भारत में कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवाती हैं, जिसके आधार पर  आपको MSC के लिए प्रवेश मिलता है. भिन्न - भिन्न  यूनिवर्सिटी की अपनी भिन्न - भिन्न विशेष प्रवेश परीक्षा होती है।
  • विदेशी  यूनिवर्सिटीज वैलिड GRE या GMAT तथा साथ में  IELTS या TOEFL अंको की मांग करती हैं। 
MSc के पश्चात् करियर विकल्प
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर
  • सिस्टम इंजीनियर
  • क्वांटेटिव डेवलपर
  • केमिकल एनालिस्ट
  • साइंटिस्ट
  • फील्ड अफसर
  • रिसर्चर और अकाउंटेंट
  • असिस्टेंट प्रोफेसर
  • स्टटिस्टिशन
  • बायोकेमिस्ट

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MCA (Master in Computer Application)

जो स्टूडेंट्स कंप्यूटर में रुचि रखते है और आईटी (IT) क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो MCA कोर्स करना उनके लिए बेस्ट होगा। MCA एक 2 वर्ष का पोस्टग्रेजुएट कोर्स होता है।  इस कोर्स अंतर्गत स्टूडेंट्स को सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर आर्किटेक्चर, कंप्यूटर प्रोग्राम, एप्लिकेशन  ऑपरेटिंग सिस्टम आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। MCA कोर्स आईटी कौशल, प्रोग्रामिंग भाषाएं और ऐसे ही अन्य कॉन्सेप्ट्स की  सूक्ष्मता से  ज्ञान  प्रदान करता है। 

MCA करने के लिए योग्यता
  • MCA करने के लिए स्टूडेंट की किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पूर्ण होनी चाहिए।
  • भारत की कुछ यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा क्लियर करके आप MCA कर सकते है।
  • इसके अतिरिक्त बहुत से इंस्टिट्यूट बिना प्रवेश परीक्षा के मेरिट के आधार पर एडमिशन देते हैं।
  • विदेश की  यूनिवर्सिटीज वैध GRE तथा IELTS या TOEFL अंकों की मांग करती हैं।
MCA के पश्चात् करियर विकल्प
  • नेटवर्क इंजीनियर
  • डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
  • QA इंजीनियर
  • प्रोग्रामर
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर
  • सॉफ्टवेयर कंसलटेंट
  • टेस्ट इंजीनियर
  • सिस्टम एनालिस्ट

MBA (Master of Business Administration)

MBA सर्वाधिक लोकप्रिय मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम है.सर्वाधिक स्टूडेंट्स को ऐसा लगता है कि, MBA ( मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ) केवल कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए ही होता है लेकिन यह कोर्स आप B.Sc. के बाद  कर सकते हैं.MBA कोर्स में स्टूडेंट्स को माइक्रो इकोनॉमिक्स, बिज़नेस लॉ के सिद्धांत, मार्केटिंग , फाइनेंस और बिजनेस मैनेजमेंट जैसे विषयो के बारे में थ्योरीटिकल और प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाता है तथा साथ ही इलेक्टिव कोर्स जिनमें HR, IT, वित्त, विपणन और अन्य विषय  भी सम्मलित हैं.

MBA करने के लिए योग्यता
  • स्टूडेंट की किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन पूर्ण हो।
  • कुछ यूनिवर्सिटीज, में आपको आयोजित प्रवेश परीक्षाएं (MBA प्रवेश परीक्षाएं जैसे CAT, XAT, MAT, ATMA, SNAP) क्लियर करना होगा,  उसके  पश्चात् आप MBA कर सकते हैं. 
  • विदेश में MBA करने हेतु यूनिवर्सिटीज वैलिड GMAT तथा IELTS या TOEFL अंको की मांग करती हैं।
MBA के पश्चात् करियर विकल्प
  • मार्केट रिसर्च एनालिस्ट
  • आईटी डायरेक्टर
  • चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर
  • इन्वेंटरी कंट्रोल मैनेजर
  • बिज़नेस/IT एलाइनमेंट
  • बिज़नेस एनालिस्ट
  • चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफ़िसर
  • आईटी एडमिनिस्ट्रेटर

B.Tech (Bachelor of Technology)

B.Tech 3 या 4 वर्ष का प्रोफेशनल अंडरग्रेजुएट कोर्स है, सर्वाधिक स्टूडेंट्स यह कोर्स 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् करते है , लेकिन यदि आप इंजीनियर बनना चाहते हैं और आपने BSC किया है,  तब भी आप B.Tech कर सकते हैं। B.Tech कोर्स फ़ूड टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी,  एरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग आदि में विशेषज्ञता प्रदान करता है.
सामान्यतः B.Tech 4 वर्षीय कोर्स है लेकिन यदि आप बीएससी करने के पश्चात् यह कोर्स करेंगे तो 3 वर्ष का समय लगता है.

B.Tech करने के लिए योग्यता
  • स्टूडेंट का PCM या PCB (गणित) के साथ12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। 
  • भारत में JEE main, JEE advanced आदि प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवशयक है.
  • विदेश में स्टूडेंट्स को IELTS या TOEFL अंक की आवश्यकता तथा SAT , ACT जैसी प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
B.Tech के पश्चात् करियर विकल्प
  • केमिकल इंजीनियर
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियर
  • रोबोटिक्स इंजीनियर
  • लेक्चरर
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
  • कंप्यूटर साइंस इंजीनियर
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन्स इंजीनियर
  • माइनिंग इंजीनियर

BEd (Bachelor of Education)

BEd सर्वाधिक लोकप्रिय कोर्स हैं। जो स्टूडेंट्स भविष्य में अपना करियर शिक्षक के रूप में बनाना चाहते हैं उनके लिए BEd एक अच्छा विकल्प हैं। BEd अवधि 2 वर्ष की   होती है। ग्रेजुएशन करने के पश्चात् BEd कोर्स स्टूडेंट्स को अलग और नई शिक्षण तकनीक में प्रशिक्षित करता है जिसके द्वारा शिक्षण कौशल में सुधार करना है। 

BEd करने के लिए योग्यता
  • स्टूडेंट्स किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी विषय में अच्छे अंकों के साथ ग्रेजुएट होन चाहिए।
  • कुछ विश्वविद्यालय BEd में एड्मिशन हेतु प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवाती है उसे क्लियर करके आप BEd कर सकते है.
  • विदेश में BEd हेतु IELTS/ TOEFL/ PTE  अंकहोना आवश्यक हैं. 
BEd के पश्चात् करियर विकल्प
  • शिक्षक
  • एजुकेशनल रिसर्चर
  • एडवाइजर
  • एजुकेशनल थेरेपिस्ट
  • प्रिंसिपल
  • लेक्चरर
  • कोच
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LLB (Bachelor of Law)

LLB, 3 वर्ष का अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स होता  है, यदि कोई स्टूडेंट एडवोकेट , लॉयर या फिर न्यायधीश बनने का इच्छुक हो,  तो वह B.Sc.के पश्चात् तीन वर्षीय LLB कोर्स कर सकते है। LLB कोर्स स्टूडेंट्स को विधायी, कॉर्पोरेट, व्यापार और अन्य विभिन्न प्रकार के कानूनों का ज्ञान कराता है। LLB एस्पिरेंट्स हेतु लॉ फर्मों तथा अन्य प्राइवेट और सरकारी कंपनियों में जॉब के सर्वाधिक विकल्प होते हैं।

LLB करने के लिए योग्यता
  • LLB करने के लिए स्टूडेंट का मान्यता प्राप्त बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। 
  • स्टूडेंट के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा किसी भी विषय में 3-4 साल की बैचलर्स डिग्री होना आवश्यक है। 
  • विदेश में LLB करने के लिए LNAT / LSAT तथा  IELTS/TOEFL/PTE आदि अंको का होना आवश्यक हैं.
LLB के पश्चात् करियर विकल्प
  • वकील
  • लीगल मैनेजर
  • लीगल एडवाइजर
  • रिपोर्टर
  • पब्लिक प्रोसिक्यूटर
  • इमीग्रेशन अटॉर्नी
  • टीचर या लेक्चरर
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PGDM(Post Graduate Diploma in Management)

PGDM (Post Graduate Diploma in Management) 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स है। यह कोर्स व्यवसायिक और व्यवसायिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करवाता है, यह कोर्स MBA के समान है, जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री कार्यों हेतु योग्य बनाना है। PGDM कोर्स के अंतर्गत व्यवसाय मैनेजमेंट, मार्केटिंग व्यवस्था, वित्तीय प्रबंधन, विपणन प्रबंधन, व्यावसायिक परियोजना प्रबंधन, इंटरनेशनल बिजनेस, मानव संसाधन प्रबंधन, संगठनात्मक व्यवस्था जैसे प्रमुख विषय  सम्मलित होते हैं.

PGDM करने के लिए योग्यता
  • PGDM करने के लिए स्टूडेंट के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा बैचलर्स डिग्री होना आवश्यक है. 
  • भारत में PGDM कोर्स करने के लिए MAT, CMAT, SNAP, CAT जैसे प्रवेश परीक्षाएं क्लियर करना आवश्यक है।
  • विदेश में PGDM कोर्स के लिए GMAT तथा IELTS/TOEFL/PTE अंको का होना  आवश्यक हैं.
PGDM के पश्चात् करियर विकल्प
  • बिज़नेस कंसलटेंट
  • एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर
  • फाइनेंस मैनेजर
  • डेटा साइंटिस्ट

MIM (Master in Information Management)

बीएससी के पश्चात् MIM, एक 2 वर्षीय कोर्स है, यह कोर्स टेक्निकल विषयों तथा बिजनेस एनालिटिक्स डाटा वेयरहाउसिंग के बारे ज्ञान प्राप्त करवाता है. MIM कोर्स में IT मैनेजमेंट से सम्बन्धित टेक्निकल विषय सम्मलित है. इसके अंतर्गत इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, डाटा एनालिटिक्स, इनफार्मेशन साइंस, इंफार्मेशन सिक्योरिटी, विश्वसनीयता और इंटेग्रिटी, विश्वसनीयता और इंटेग्रिटी, इंटरनेशनल इनफार्मेशन मैनेजमेंट जैसे विषयो का ज्ञान है MIM करने के पश्चात् आपको IT सेक्टर में अच्छे करियर विकल्प प्राप्त होते हैं.

MIM करने के लिए योग्यता
  • MIM करने के लिए स्टूडेंट का किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन पूर्ण होना आवश्यक है.
  • भारत में कुछ यूनिवर्सिटीज MIM हेतु प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करती हैं, जिसे क्लियर करने के पश्चात आप यह कोर्स  सकते है.
  • विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज वैलिड GMAT,  IELTS या TOEFL तथा कुछ यूनिवर्सिटीज में GRE अंको की भी आवश्यकता होती है. 
MIM के पश्चात् करियर विकल्प
  • कंप्यूटर नेटवर्क आर्किटेक्ट
  • मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपर
  • वीडियो गेम डिज़ाइनर
  • वेब डिजाइनर
  • मैनेजमेंट कंसल्टेंट
  • IT सलाहकार
  • IS/IT मैनेजर
  • सिस्टम एनालिस्ट
  • MIS डायरेक्टर
  • चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफ़िसर

BSc के पश्चात् सरकारी नौकरियां

BSc के पश्चात् अब इस कोर्स को करने बाद सरकारी नौकरियां निम्नलिखित हैं, जो यहाँ नीचे दी गई हैं-

प्रवेश परीक्षाएं नौकरी के अवसर
UPSC कलेक्टर, CBI, CSD, MDN, नेवी अफसर
CSE IAS, IFS, IRS, IPS अफसर
PCS रेंज वन अधिकारी, सहायक संरक्षक, उप अधीक्षक, जिला मजिस्ट्रेट
SSC CGL CBI सब इंस्पेक्टर, आंतरिक मामलों के मंत्रालय, आयकर विभाग में निरीक्षक
RBI Exam RBI अफसर, RBI क्लर्क
SSC CHSL अपर डिवीजन क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर

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