शारीरिक शिक्षक भर्ती 2018 का मामला
61 अभ्यर्थियों की डिग्रियां संदेह के घेरे में, इनमें से कई नौकरी कर रहे
बांसवाड़ा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से साल 2018 में हुई शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में अपात्रों को नौकरी देने का मामला सामने आया है। अब 61 ऐसे अभ्यर्थियों की लिस्ट सामने आई है, जिन पर बीपीएड की फर्जी डिग्री लाकर नौकरी हासिल करने का संदेह है। इनके दस्तावेज सत्यापन में भी गड़बड़ी करने का अंदेशा है। इन अभ्यर्थियों में से 42 डूंगरपुर में और 19 बांसवाड़ा के विभिन्न स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। नौकरी करने वालों में लेवल 1 शिक्षक व पीटीआई शामिल है। ये सभी अभ्यर्थी बांसवाड़ा, डूंगरपुर व सरोदा निवासी हैं।
अनेक अभ्यर्थी तो ऐसे हैं जो जिस ब्लॉक का निवासी है, उसी ब्लॉक में नौकरी कर रहा है। जानकारी मिली है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, निदेशालय बीकानेर के आदेशों के बाद जिला शिक्षा विभागों को जैसे-जैसे संदिग्धों की सूचनाएं मिल रही हैं, वैसे-वैसे उनके दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट सीधे एसओजी को भेजी जा रही है। कार्रवाई गोपनीय तरीके से चल रही है। बीपीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी करने वाले, शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 पेपर लीक, वनरक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला, पीटीआई भर्ती 2018 में पुलिस, जिला प्रशासन तो अपने स्तर से जांच कर एसओजी को दस्तावेज उपलब्ध करई ही रहे हैं, साथ ही संबंधित विभाग के मुखिया भी उनके संस्थापन शाखाओं से अभ्यर्थियों का रिकॉर्ड एसओजी को भेज रहे हैं।
वन रक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपियों से बांसवाड़ा में ही पूछताछ करेगी एसओजी
बांसवाड़ा वन रक्षक भर्ती पेपर लीक प्रकरण में 11 आरोपी तीन दिन की रिमांड पर है। एसओजी इन्हें 10 दिन की रिमांड लेकर जयपुर ले जाना चाहती थी लेकिन कोर्ट से 9 जुलाई तक का समय मिला है। ऐसे में अब संभवतः आरोपियों से बांसवाड़ा में ही पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में पुलिस को कुछ और संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली है। वहीं पेपर लीक की सबसे मुख्य कड़ी और मास्टरमाइंड बाड़मेर क्षेत्र निवासी हरीश सारन की तलाश जारी है क्योंकि, हरीश को ही पता है कि पेपर लीक कहा से हुआ था। गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने भी पूछताछ में बताया है कि उन्हें भी हरीश ने ये नहीं बताया था कि वह पेपर कहा से लेकर आया था।